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थक गए हो तो थकन छोड़ के जा सकते हो: अम्मार इक़बाल

 

Ammar Iqbal

थक गए हो तो थकन छोड़ के जा सकते हो: अम्मार इक़बाल

थक गए हो तो थकन छोड़ के जा सकते हो
तुम मुझे वाक़िअतन छोड़ के जा सकते हो

हम दरख़्तों को कहाँ आता है हिजरत करना
तुम परिंदे हो वतन छोड़ के जा सकते हो

तुम से बातों में कुछ इस दर्जा मगन होता हूँ
मुझ को बातों में मगन छोड़ के जा सकते हो

ऐसे आ सकते हो जैसे कोई ख़ुशबू आए
और जाने को घुटन छोड़ के जा सकते हो

जाने वाले से सवालात नहीं होते मियाँ
तुम यहाँ अपना बदन छोड़ के जा सकते हो

जाना चाहो तो किसी वक़्त भी ख़ुद से बाहर
अपने अंदर की घुटन छोड़ के जा सकते हो

प्रत्येक शेर का अर्थ

थक गए हो तो थकावट छोड़ के जा सकते हो
तुम मुझे वास्तव में छोड़ के जा सकते हो

हम पेड़ों को कहाँ आता है प्रवास करना
तुम पक्षी हो वतन छोड़ के जा सकते हो

तुम से बातों में कुछ इस हद तक खोया रहता हूँ
मुझ को बातों में खोया छोड़ के जा सकते हो

ऐसे आ सकते हो जैसे कोई खुशबू आए
और जाने को घुटन छोड़ के जा सकते हो

जाने वाले से सवाल नहीं होते साहब
तुम यहाँ अपना शरीर छोड़ के जा सकते हो

जाना चाहो तो किसी समय भी खुद से बाहर
अपने अंदर की घुटन छोड़ के जा सकते हो

ग़ज़ल में प्रयुक्त प्रमुख उर्दू शब्दों के अर्थ

  • थकन: थकावट (fatigue)।

  • वाक़िअतन: वास्तव में (in reality)।

  • दरख़्तों: पेड़ों (trees)।

  • हिजरत: प्रवास/स्थानांतरण (migration)।

  • परिंदे: पक्षी (birds)।

  • वतन: देश/वतन (homeland)।

  • दर्जा: हद/स्तर (degree)।

  • मगन: खोया हुआ/मग्न (absorbed)।

  • ख़ुशबू: खुशबू (fragrance)।

  • घुटन: घुटन (suffocation)।

  • सवालात: सवाल (questions)।

  • मियाँ: साहब (sir/gentleman)।

  • बदन: शरीर (body)।

  • वक़्त: समय (time)।

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