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भारतीय संविधान के हाल के संशोधन: 2020 के दशक के प्रमुख बदलाव


 नमस्ते दोस्तों! पिछले लेख में हमने संविधान के प्रमुख संशोधनों पर चर्चा की थी। आज हम विशेष रूप से 2020 के दशक में हुए हाल के बदलावों पर फोकस करेंगे। भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, और 2025 तक कुल 106 संशोधन हो चुके हैं।

इनमें से हाल के संशोधन सामाजिक न्याय, आरक्षण और शासन सुधारों से जुड़े हैं, जो समय की मांगों को पूरा करते हैं। आइए पांच प्रमुख हाल के संशोधनों पर नजर डालते हैं, जो 2018 से 2023 तक के हैं और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर रहे हैं।

1. 102वां संशोधन अधिनियम, 2018

यह संशोधन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक दर्जा देता है। इससे पहले, NCBC केवल सांविधिक निकाय था, लेकिन अब यह अनुच्छेद 338B के तहत पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करता है। यह सामाजिक न्याय को मजबूत बनाने और OBC आरक्षण से जुड़े मुद्दों को संभालने में महत्वपूर्ण है।

2. 103वां संशोधन अधिनियम, 2019

यह संशोधन आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15(6) और 16(6) जोड़े गए, जो शिक्षा और नौकरियों में EWS को लाभ देते हैं। यह सामान्य वर्ग के गरीबों को समान अवसर प्रदान करने का प्रयास है, हालांकि इसे अदालतों में चुनौती भी मिली है।

3. 104वां संशोधन अधिनियम, 2020

यह संशोधन अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में आरक्षण की अवधि को 10 वर्ष बढ़ाता है। मूल रूप से 2020 में समाप्त होने वाला यह आरक्षण अब 2030 तक जारी रहेगा। यह सामाजिक समावेशन को सुनिश्चित करता है।

4. 105वां संशोधन अधिनियम, 2021

यह संशोधन राज्यों को पिछड़े वर्गों की सूची बनाने का अधिकार बहाल करता है। 102वें संशोधन के बाद यह शक्ति केंद्र के पास चली गई थी, लेकिन अब राज्य अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार OBC सूची तय कर सकते हैं। यह संघीय ढांचे को मजबूत बनाता है।

5. 106वां संशोधन अधिनियम, 2023

यह महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटों का आरक्षण प्रदान करता है। इसे महिला आरक्षण विधेयक के रूप में जाना जाता है, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है। हालांकि, इसे लागू करने के लिए परिसीमन की जरूरत है, और यह 2029 तक प्रभावी हो सकता है।

ये संशोधन दिखाते हैं कि संविधान कैसे समकालीन चुनौतियों से निपटता है, जैसे समानता, आरक्षण और लैंगिक न्याय। 2024-2025 में कोई नया संशोधन नहीं हुआ है, लेकिन प्रस्तावित बिल जैसे 129वां संशोधन बिल (2024) पर नजर रखनी चाहिए, जो एक राष्ट्र एक चुनाव से जुड़ा है। अगर आपको ये पॉइंट्स उपयोगी लगे, तो कमेंट करें। अगले लेख में हम संविधान सभा पर बात करेंगे। जय हिंद!

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