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शेयर बाजार से आय पर भारतीय आयकर: पूर्ण मार्गदर्शिका 2025

 

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शेयर बाजार से आय पर भारतीय आयकर: पूर्ण मार्गदर्शिका 2025

शेयर बाजार में निवेश और व्यापार से होने वाली आय भारतीय आयकर अधिनियम के तहत कर योग्य है। यह आय विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत की जाती है, जैसे कैपिटल गेन (पूंजीगत लाभ), बिजनेस इनकम (व्यापारिक आय), और अन्य स्रोतों से आय। कर की गणना आय के प्रकार, होल्डिंग अवधि, और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। बजट 2024 के बाद, FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए कुछ बदलाव लागू हुए हैं, जैसे STCG और LTCG की दरों में वृद्धि और इंडेक्सेशन लाभ की समाप्ति। इस लेख में हम शेयर बाजार से सभी प्रकार की आय पर कर की गणना कैसे की जाती है, और क्या यह स्लैब रेट्स के अंतर्गत आती है या फ्लैट रेट पर, इसकी विस्तृत चर्चा करेंगे।

शेयर बाजार से आय के मुख्य प्रकार

शेयर बाजार से आय मुख्य रूप से निम्न प्रकार की होती है:

  1. कैपिटल गेन (Capital Gains): शेयरों की खरीद-बिक्री से होने वाला लाभ।
    • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG): होल्डिंग अवधि 12 महीने से कम।
    • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG): होल्डिंग अवधि 12 महीने से अधिक (इक्विटी शेयरों के लिए)।
  2. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) से आय: डेरिवेटिव ट्रेडिंग से लाभ।
  3. इंट्राडे ट्रेडिंग से आय: एक ही दिन में खरीद-बिक्री से लाभ।
  4. डिविडेंड इनकम: शेयरों से प्राप्त लाभांश।
  5. अन्य: BTST (Buy Today Sell Tomorrow) आदि।

STCG और LTCG पर कर (इक्विटी शेयरों के लिए)

इक्विटी शेयर (लिस्टेड, STT भुगतान पर) से कैपिटल गेन की गणना होल्डिंग अवधि पर आधारित है। ये फ्लैट रेट पर कर योग्य हैं, स्लैब रेट्स पर नहीं।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG)

  • परिभाषा: शेयर 12 महीने से कम समय तक रखे गए।
  • कर दर: 20% फ्लैट (23 जुलाई 2024 से लागू; पहले 15%)। कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं।
  • गणना: STCG = बिक्री मूल्य - (खरीद मूल्य + ब्रोकरेज + अन्य व्यय)।
  • उदाहरण: यदि आप ₹1,00,000 के शेयर खरीदते हैं और 6 महीने बाद ₹1,20,000 में बेचते हैं, तो STCG = ₹20,000। कर = ₹20,000 × 20% = ₹4,000 (प्लस सेस और सरचार्ज यदि लागू)।
  • स्लैब रेट्स?: नहीं, फ्लैट 20%। लेकिन यदि अनलिस्टेड शेयर, तो स्लैब रेट्स पर।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)

  • परिभाषा: शेयर 12 महीने से अधिक समय तक रखे गए।
  • कर दर: ₹1.25 लाख तक छूट; उसके ऊपर 12.5% फ्लैट (23 जुलाई 2024 से लागू; पहले 10%) बिना इंडेक्सेशन।
  • गणना: LTCG = बिक्री मूल्य - (खरीद मूल्य + व्यय)। छूट के बाद कर लगता है।
  • उदाहरण: यदि LTCG ₹2,00,000 है, तो कर योग्य राशि = ₹2,00,000 - ₹1.25 लाख = ₹75,000। कर = ₹75,000 × 12.5% = ₹9,375।
  • स्लैब रेट्स?: नहीं, फ्लैट 12.5%। लेकिन यदि अनलिस्टेड शेयर, तो 12.5% बिना इंडेक्सेशन।

नोट: कैपिटल लॉस को सेट-ऑफ किया जा सकता है। STCL को STCG या LTCG से सेट-ऑफ; LTCL केवल LTCG से। लॉस 8 वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड।

F&O से आय पर कर

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को नॉन-स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम माना जाता है।

  • कर दर: स्लैब रेट्स पर (5% से 30% तक, आय के आधार पर)।
  • गणना: लाभ = कुल लाभ - (व्यय जैसे ब्रोकरेज, इंटरनेट, आदि)। टर्नओवर = लाभ + हानि का पूर्ण योग।
  • उदाहरण: यदि F&O से ₹3,00,000 लाभ और ₹50,000 व्यय, तो कर योग्य आय = ₹2,50,000। यदि कुल आय ₹10 लाख है (स्लैब 30%), तो कर = ₹2,50,000 × 30% = ₹75,000 (प्लस सेस)।
  • स्लैब रेट्स?: हाँ, पूरी तरह स्लैब पर। टैक्स ऑडिट यदि टर्नओवर > ₹2 करोड़ या लाभ < 6% और प्रिजम्प्टिव स्कीम नहीं चुनी।
  • लॉस: अन्य बिजनेस इनकम से सेट-ऑफ, 8 वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड।

इंट्राडे ट्रेडिंग से आय पर कर

इंट्राडे ट्रेडिंग को स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम माना जाता है।

  • कर दर: स्लैब रेट्स पर।
  • गणना: लाभ - व्यय। टर्नओवर = लाभ + हानि का पूर्ण योग।
  • उदाहरण: ₹1,00,000 लाभ पर, यदि स्लैब 20%, तो कर = ₹20,000।
  • स्लैब रेट्स?: हाँ। लॉस केवल स्पेकुलेटिव इनकम से सेट-ऑफ, 4 वर्ष तक कैरी फॉरवर्ड।
  • टैक्स ऑडिट: टर्नओवर > ₹2 करोड़ पर।

अन्य प्रकार की आय पर कर

  • डिविडेंड इनकम: अन्य स्रोतों से आय के रूप में स्लैब रेट्स पर। ₹5,000 से अधिक पर 10% TDS।
  • BTST: यदि डिलीवरी नहीं ली, तो स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम; अन्यथा STCG।
  • हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग: बिजनेस इनकम, स्लैब रेट्स पर।
  • अनलिस्टेड शेयर: STCG स्लैब पर, LTCG 12.5% बिना इंडेक्सेशन।

कुल मिलाकर कर गणना और स्लैब रेट्स का लागू होना

  • फ्लैट रेट वाली आय (STCG/LTCG इक्विटी): स्लैब रेट्स नहीं लागू; फ्लैट 20% (STCG) या 12.5% (LTCG)।
  • बिजनेस इनकम (F&O, इंट्राडे): स्लैब रेट्स लागू (0-30%)। व्यय कटौती संभव।
  • एडवांस टैक्स: यदि कर देयता > ₹10,000, तो किश्तों में भुगतान।
  • ITR फॉर्म: ITR-2 (कैपिटल गेन के लिए); ITR-3 (बिजनेस इनकम के लिए)।
  • छूट और बचत: LTCG पर ₹1.25 लाख छूट; सेक्शन 54F/54EC के तहत निवेश से छूट। टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग से लाभ।

शेयर बाजार से आय पर कर की गणना सटीक रिकॉर्ड रखने से आसान होती है। यदि आय अधिक है, तो CA से सलाह लें। आयकर विभाग की वेबसाइट से नवीनतम अपडेट जांचें।

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