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इनकम टैक्स एक्ट की धारा 40(a)(ia): टीडीएस न काटने पर 30% व्यय अस्वीकृति


 इनकम टैक्स के नियमों में कई ऐसी धाराएं हैं जो व्यापार या पेशे से जुड़े व्ययों को नियंत्रित करती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण धारा है धारा 40(a)(ia), जो टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) से जुड़ी है। यदि कोई व्यापारी या पेशेवर किसी व्यय पर टीडीएस काटना चाहिए था लेकिन नहीं काटा, तो उस व्यय का 30% हिस्सा कर योग्य आय की गणना में अस्वीकृत कर दिया जाता है। यह प्रावधान व्यापारियों को टीडीएस नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस लेख में हम इस धारा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, इसके प्रभाव, अपवाद और कैसे इससे बचा जा सकता है।

धारा 40(a)(ia) क्या है?

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 40(a)(ia) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति व्यापार या पेशे के दौरान कुछ विशेष प्रकार के भुगतानों पर टीडीएस काटने की आवश्यकता होती है लेकिन वह ऐसा नहीं करता, तो उस भुगतान का 30% हिस्सा व्यय के रूप में कटौती नहीं किया जा सकता। यह अस्वीकृति व्यापार की लाभ-हानि की गणना (प्रॉफिट्स एंड गेन्स ऑफ बिजनेस ऑर प्रोफेशन - PGBP) में लागू होती है।

पहले (असेसमेंट ईयर 2015-16 से पहले) यह अस्वीकृति 100% होती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 30% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि यदि टीडीएस नहीं काटा गया, तो व्यय का केवल 70% ही कटौती के योग्य माना जाएगा, और बाकी 30% पर कर लगेगा।

किन व्ययों पर लागू होता है यह प्रावधान?

यह धारा मुख्य रूप से उन भुगतानों पर लागू होती है जो निवासियों (रेजिडेंट्स) को किए जाते हैं और जिन पर टीडीएस काटना अनिवार्य है। इनमें शामिल हैं:

  • ब्याज (Interest): धारा 194A के तहत।
  • कमीशन या ब्रोकरेज (Commission or Brokerage): धारा 194H।
  • किराया (Rent): धारा 194I।
  • रॉयल्टी (Royalty): धारा 194J।
  • पेशेवर या तकनीकी सेवाओं के लिए फीस (Fees for Professional or Technical Services): धारा 194J।
  • ठेकेदारों को भुगतान (Payments to Contractors): धारा 194C।

यदि इनमें से किसी पर टीडीएस काटा जाना चाहिए था लेकिन नहीं काटा गया, या काटा गया लेकिन सरकार को जमा नहीं किया गया, तो 30% व्यय अस्वीकृत हो जाता है।

अस्वीकृति के प्रभाव

मान लीजिए एक व्यापारी ने किसी ठेकेदार को 10 लाख रुपये का भुगतान किया, जिस पर 2% टीडीएस (20,000 रुपये) काटना चाहिए था। यदि टीडीएस नहीं काटा गया, तो:

  • व्यय का 30% यानी 3 लाख रुपये अस्वीकृत हो जाएगा।
  • व्यापारी की कर योग्य आय 3 लाख रुपये से बढ़ जाएगी।
  • यदि कर दर 30% है, तो अतिरिक्त कर 90,000 रुपये बनेगा।

हालांकि, यदि टीडीएस अगले वित्तीय वर्ष में काटा और जमा किया जाता है, तो अस्वीकृत राशि को उस वर्ष में कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है।

अपवाद और राहत

  • गैर-निवासियों के लिए: गैर-निवासियों (नॉन-रेजिडेंट्स) पर भुगतान के लिए धारा 40(a)(i) लागू होती है, जहां अस्वीकृति 100% होती है यदि टीडीएस नहीं काटा गया।
  • फॉर्म 26A: यदि प्राप्तकर्ता ने अपनी आय में भुगतान शामिल किया है और कर चुकाया है, तो फॉर्म 26A के माध्यम से प्रमाण पत्र देकर अस्वीकृति से बचा जा सकता है।
  • स्वैच्छिक अस्वीकृति: यदि व्यापारी खुद व्यय को अस्वीकृत कर देता है, तो टीडीएस की मांग नहीं की जा सकती।

कैसे बचें इस अस्वीकृति से?

  • सभी लागू भुगतानों पर समय पर टीडीएस काटें और जमा करें।
  • टीडीएस रिटर्न्स समय पर फाइल करें।
  • यदि टीडीएस नहीं काटा गया, तो प्राप्तकर्ता से फॉर्म 26A प्राप्त करें।
  • टैक्स ऑडिट के दौरान इस धारा का ध्यान रखें।

यह धारा टीडीएस अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है, लेकिन इससे व्यापारियों को अतिरिक्त कर負担 हो सकता है। हमेशा एक योग्य टैक्स सलाहकार से परामर्श लें। अधिक जानकारी के लिए इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

(नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है और कानूनी सलाह नहीं माना जाना चाहिए।)

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