इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44AD छोटे व्यापारियों के लिए प्रेजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम प्रदान करती है, जहां आय को टर्नओवर के आधार पर अनुमानित किया जाता है। यह धारा किताबें बनाए रखने की जटिलता से छूट देती है और कर अनुपालन को सरल बनाती है। योग्य व्यापारियों के लिए टर्नओवर का 8% या 6% आय माना जाता है। इस लेख में हम धारा 44AD के बारे में विस्तार से जानेंगे।
धारा 44AD क्या है?
धारा 44AD छोटे व्यापारों (टर्नओवर 2 करोड़ तक) के लिए है, जहां आय टर्नओवर का 8% (कैश में) या 6% (डिजिटल में) मानी जाती है। यह व्यक्तियों, HUF और पार्टनरशिप फर्मों के लिए उपलब्ध है, लेकिन कंपनी या प्रोफेशनल्स के लिए नहीं।
योग्यता और गणना
- टर्नओवर सीमा: 2 करोड़ रुपये तक।
- आय अनुमान: 8% कैश रसीदों पर, 6% बैंक ट्रांसफर पर।
- कोई किताबें बनाए रखने की जरूरत नहीं।
- अन्य कटौतियां नहीं, लेकिन अध्याय VI-A की कटौतियां उपलब्ध।
उदाहरण: 1 करोड़ टर्नओवर (सभी डिजिटल) पर आय 6 लाख मानी जाएगी।
लाभ और प्रभाव
यह स्कीम अनुपालन को आसान बनाती है और ऑडिट से छूट देती है। छोटे व्यापारियों के लिए समय और लागत बचत। लेकिन यदि वास्तविक लाभ कम है, तो नुकसान हो सकता है।
अपवाद और नियम
- 5 वर्ष तक स्कीम में रहना अनिवार्य, अन्यथा प्रतिबंध।
- प्रोफेशनल्स के लिए धारा 44ADA अलग है।
- एडवांस टैक्स 15 मार्च तक जमा करें।
धारा 44AD छोटे व्यापारों के लिए उपयोगी है। टैक्स विशेषज्ञ से परामर्श लें। (नोट: सामान्य जानकारी।)
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