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उर्दू शायरी के जटिल रहस्य: आधुनिक शायरों की 50 चुनिंदा कठिन लाइनें और उनके अर्थ (सीरीज 1)

Urdu Words

 

उर्दू शायरी की दुनिया में शब्दों का जादू ऐसा है कि वे दिल की तहों तक उतर जाते हैं। इस सीरीज की पहली कड़ी में हम वर्तमान दशक के शायरों से शुरू करके उनकी उन लाइनों पर नजर डाल रहे हैं, जो अरबी और फारसी के जटिल शब्दों से सजी हैं। ये लाइनें न केवल भाषा की गहराई दिखाती हैं, बल्कि जीवन के छिपे हुए सबकों को भी उजागर करती हैं। प्रत्येक मतला/मकता के नीचे कठिन शब्दों के अर्थ दिए गए हैं, जिसमें शब्द की उत्पत्ति, हिंदी अर्थ और पर्यायवाची शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ब्रैकेट में हिंदी अर्थ [हिंदी] और अंग्रेजी अर्थ [English] दिए गए हैं।


क्रमांकमतला/मकता (देवनागरी में)मतला/मकता का अर्थकठिन शब्दअर्थ (उत्पत्ति, हिंदी अर्थ और पर्यायवाची, [हिंदी], [English])
1बज़्म-ए-जानाँ में नशिस्तें नहीं होतीं मख़्सूस (शायर: तहज़ीब हाफ़ी)प्रियतम की महफ़िल में विशेष या निर्धारित बैठकें नहीं होतीं, अर्थात वहाँ सब बराबर हैं।बज़्म, जानाँ, नशिस्तें, मख़्सूसबज़्म (फ़ारसी, महफ़िल या जमावड़ा, [महफ़िल], [assembly, gathering]); जानाँ (फ़ारसी, प्रिय या मेहबूब, [प्रिय], [beloved, darling]); नशिस्तें (फ़ारसी, बैठकें या बैठने की जगहें, [बैठकें], [seats, sitting places]); मख़्सूस (अरबी, विशेष या खास, [विशेष], [special, particular])
2हर घड़ी चश्म-ए-खरीदार में रहने के लिए (शायर: शकील आज़मी)हर पल खरीदार की नजर में बने रहने के लिए, अर्थात बाजार में टिकने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी है।चश्म, खरीदारचश्म (फ़ारसी, नजर या दृष्टि, [नजर], [eye, glance]); खरीदार (फ़ारसी, खरीदने वाला या ग्राहक, [ग्राहक], [buyer, purchaser])
3दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे (शायर: बशीर बद्र)दुश्मनी पूरी ताकत से करो लेकिन ये संभावना बनी रहे, अर्थात दोस्ती की गुंजाइश हमेशा रखो।गुंजाइशगुंजाइश (अरबी, संभावना या जगह, [संभावना], [room, possibility])
4जानें कैसा रिश्ता है राहगुज़र का कदमों से (शायर: शकील आज़मी)जानें राहगुज़र और कदमों का क्या रिश्ता है, अर्थात सफर और कदमों का अटूट बंधन।राहगुज़रराहगुज़र (फ़ारसी, राह या गुजरने वाला रास्ता, [राह], [pathway, passerby])
5उजड़े हुए शहर में तामीर की बातें करो (शायर: बशीर बद्र)उजड़े शहर में निर्माण की बातें करो, अर्थात तबाही के बाद भी उम्मीद रखो।तामीरतामीर (अरबी, निर्माण या बनावट, [निर्माण], [construction, building])
6फूलों की तहज़ीब है गुलज़ार में रहना (शायर: जावेद अख्तर)फूलों की संस्कृति है गुलज़ार में रहना, अर्थात सुंदरता में सामंजस्य।तहज़ीब, गुलज़ारतहज़ीब (अरबी, संस्कृति या शिष्टाचार, [संस्कृति], [culture, etiquette]); गुलज़ार (फ़ारसी, फूलों से भरा या बाग, [बाग], [flowery, garden])
7ज़मीं पर ज़र्ख़ेजी की तलाश में खो गए (शायर: महशर आफरीदी)ज़मीन पर उपजाऊपन की तलाश में खो गए, अर्थात संसाधनों की खोज में भटकना।ज़र्ख़ेजीज़र्ख़ेजी (फ़ारसी, उपजाऊपन या उर्वरता, [उपजाऊपन], [fertility, productivity])
8खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले (शायर: अल्लामा इकबाल)अपनी आत्मा को इतना ऊंचा करो कि हर नियति से पहले, अर्थात भाग्य भी तुमसे पूछे।खुदी, तकदीरखुदी (फ़ारसी, आत्मा या स्वाभिमान, [आत्मा], [self, ego]); तकदीर (अरबी, नियति या भाग्य, [भाग्य], [fate, destiny])
9मुशाहिदा-ए-ज़माना है मेरी निगाह में (शायर: शकील आज़मी)ज़माने का अवलोकन है मेरी नजर में, अर्थात समय की गहराई समझना।मुशाहिदामुशाहिदा (अरबी, अवलोकन या निरीक्षण, [अवलोकन], [observation, witnessing])
10सहरा में तश्नगी की शिद्दत बढ़ती जाती है (शायर: बशीर बद्र)रेगिस्तान में प्यास की तीव्रता बढ़ती जाती है, अर्थात कठिनाइयां बढ़ना।तश्नगी, शिद्दततश्नगी (फ़ारसी, प्यास या लालसा, [प्यास], [thirst, desire]); शिद्दत (अरबी, तीव्रता या गहनता, [तीव्रता], [intensity, severity])
11ज़ुबां पर तफ़रीक़ की बातें न करो (शायर: जावेद अख्तर)ज़ुबान पर विभेद की बातें न करो, अर्थात अलगाव न फैलाओ।तफ़रीक़तफ़रीक़ (अरबी, विभेद या अलगाव, [विभेद], [separation, distinction])
12मज़ाहिब की तफ़्सीर में खो गए हैं हम (शायर: महशर आफरीदी)धर्मों की व्याख्या में खो गए हैं हम, अर्थात धार्मिक बहस में उलझना।मज़ाहिब, तफ़्सीरमज़ाहिब (अरबी, धर्म या मजहब, [धर्म], [religions]); तफ़्सीर (अरबी, व्याख्या या解释, [व्याख्या], [exegesis, interpretation])
13फ़ितरत-ए-आदमी में तज़ाद है बहुत (शायर: तहज़ीब हाफ़ी)इंसान की प्रकृति में विरोधाभास बहुत है, अर्थात मानव स्वभाव में अंतर्विरोध।फ़ितरत, तज़ादफ़ितरत (अरबी, प्रकृति या स्वभाव, [प्रकृति], [nature, disposition]); तज़ाद (अरबी, विरोधाभास या विरोध, [विरोधाभास], [contradiction, contrast])
14बाज़ार-ए-दुनिया में तिजारत की बातें (शायर: शकील आज़मी)दुनिया के बाजार में व्यापार की बातें, अर्थात संसारिक लेन-देन।तिजारततिजारत (अरबी, व्यापार या कारोबार, [व्यापार], [trade, commerce])
15मुक़द्दर की तक़सीम में हिस्सा मिला (शायर: बशीर बद्र)भाग्य की बंटवारे में हिस्सा मिला, अर्थात किस्मत का बंटवारा।मुक़द्दर, तक़सीममुक़द्दर (अरबी, भाग्य या किस्मत, [भाग्य], [fate, destiny]); तक़सीम (अरबी, बंटवारा या विभाजन, [बंटवारा], [division, distribution])
16ज़मीर की तज़कीया है ज़रूरी (शायर: जावेद अख्तर)अंतःकरण की शुद्धि जरूरी है, अर्थात आत्मशुद्धि।ज़मीर, तज़कीयाज़मीर (अरबी, अंतःकरण या विवेक, [अंतःकरण], [conscience, soul]); तज़कीया (अरबी, शुद्धि या पवित्रीकरण, [शुद्धि], [purification, cleansing])
17तफ़क्कुर की तह में उतर जाओ (शायर: महशर आफरीदी)चिंतन की गहराई में उतर जाओ, अर्थात गहन विचार करो।तफ़क्कुर, तहतफ़क्कुर (अरबी, चिंतन या सोच, [चिंतन], [contemplation, thought]); तह (फ़ारसी, गहराई या तल, [गहराई], [layer, depth])
18शफ़क़ की ताबिश में रंग बदलते हैं (शायर: अल्लामा इकबाल)शाम की चमक में रंग बदलते हैं, अर्थात समय के साथ परिवर्तन।शफ़क़, ताबिशशफ़क़ (अरबी, शाम की लाली या आभा, [शाम की लाली], [dawn/dusk glow]); ताबिश (फ़ारसी, चमक या तेज, [चमक], [radiance, shine])
19मुज़ाहिद की तक़दीस है जंग में (शायर: शकील आज़मी)योद्धा की पवित्रता है युद्ध में, अर्थात संघर्ष में शुद्धता।मुज़ाहिद, तक़दीसमुज़ाहिद (अरबी, योद्धा या संघर्षकर्ता, [योद्धा], [fighter, mujahid]); तक़दीस (अरबी, पवित्रता या पूज्यता, [पवित्रता], [sanctification, holiness])
20तज़किरा-ए-माजी है यादों में (शायर: बशीर बद्र)अतीत का उल्लेख है यादों में, अर्थात पुरानी बातों का स्मरण।तज़किरा, माजीतज़किरा (फ़ारसी, उल्लेख या स्मरण, [उल्लेख], [mention, memoir]); माजी (अरबी, अतीत या बीता हुआ, [अतीत], [past, former])
21फ़साना-ए-ज़िंदगी है तफ़सील में (शायर: जावेद अख्तर)जीवन की कहानी है विस्तार में, अर्थात जीवन का वर्णन।फ़साना, तफ़सीलफ़साना (फ़ारसी, कहानी या कथा, [कहानी], [tale, story]); तफ़सील (अरबी, विस्तार या detail, [विस्तार], [detail, elaboration])
22तक़दीर की तक़रार में उलझे हैं (शायर: महशर आफरीदी)भाग्य की बहस में उलझे हैं, अर्थात किस्मत पर विवाद।तक़रारतक़रार (अरबी, बहस या विवाद, [बहस], [dispute, argument])
23मुक़ाबला-ए-ज़माना है हर कदम पर (शायर: तहज़ीब हाफ़ी)समय से मुकाबला है हर कदम पर, अर्थात जीवन की चुनौती।मुक़ाबलामुक़ाबला (अरबी, मुकाबला या प्रतिस्पर्धा, [मुकाबला], [confrontation, competition])
24तफ़तीश की तहक़ीक़ में लगे हैं (शायर: शकील आज़मी)जांच की सत्यता में लगे हैं, अर्थात तथ्य खोज।तफ़तीश, तहक़ीक़तफ़तीश (अरबी, जांच या तलाश, [जांच], [investigation, search]); तहक़ीक़ (अरबी, सत्यता या शोध, [सत्यता], [verification, research])
25ज़ुल्म की तज़लील है ज़रूरी (शायर: बशीर बद्र)अत्याचार की निंदा जरूरी है, अर्थात अन्याय का विरोध।तज़लीलतज़लील (अरबी, निंदा या अपमान, [निंदा], [humiliation, degradation])
26मुज़तरिब दिल की तसल्ली है दुआ (शायर: जावेद अख्तर)व्याकुल दिल की शांति है प्रार्थना, अर्थात दुआ में सुकून।मुज़तरिब, तसल्लीमुज़तरिब (अरबी, व्याकुल या चिंतित, [व्याकुल], [anxious, disturbed]); तसल्ली (फ़ारसी, शांति या संतोष, [शांति], [consolation, satisfaction])
27तक़द्दुम की तलब है हर शख्स में (शायर: महशर आफरीदी)प्रगति की मांग है हर व्यक्ति में, अर्थात आगे बढ़ने की इच्छा।तक़द्दुम, तलबतक़द्दुम (अरबी, प्रगति या उन्नति, [प्रगति], [progress, advancement]); तलब (अरबी, मांग या इच्छा, [मांग], [demand, desire])
28शिकस्त की तफ़हीम है सीख (शायर: अल्लामा इकबाल)हार की समझ है सीख, अर्थात विफलता से शिक्षा।शिकस्त, तफ़हीमशिकस्त (फ़ारसी, हार या टूटना, [हार], [defeat, break]); तफ़हीम (अरबी, समझ या बोध, [समझ], [comprehension, understanding])
29मुक़द्दस रिश्तों की तक़दीस (शायर: शकील आज़मी)पवित्र रिश्तों की पूज्यता, अर्थात संबंधों का सम्मान।मुक़द्दसमुक़द्दस (अरबी, पवित्र या पावन, [पवित्र], [sacred, holy])
30तज़मीन की तफ़रीह में वक्त गुज़रा (शायर: बशीर बद्र)कविता की व्याख्या में समय गुज़रा, अर्थात शायरी की चर्चा।तज़मीन, तफ़रीहतज़मीन (फ़ारसी, कविता में उद्धरण या शामिल करना, [उद्धरण], [incorporation in poetry]); तफ़रीह (अरबी, व्याख्या या स्पष्टीकरण, [व्याख्या], [explanation, recreation])
31फ़िक्र-ए-मआश की तलबगारी (शायर: जावेद अख्तर)जीविका की चिंता की मांग, अर्थात रोजगार की तलाश।फ़िक्र, मआश, तलबगारीफ़िक्र (अरबी, चिंता या विचार, [चिंता], [worry, thought]); मआश (अरबी, जीविका या कमाई, [जीविका], [livelihood]); तलबगारी (फ़ारसी, मांग या खोज, [मांग], [seeking])
32तक़लीफ़ की तहज़ीब है जीवन (शायर: महशर आफरीदी)कष्ट की संस्कृति है जीवन, अर्थात जीवन में संघर्ष।तक़लीफ़तक़लीफ़ (अरबी, कष्ट या तकलीफ, [कष्ट], [trouble, pain])
33मुक़ाबिल की तक़ाबुल में जीत (शायर: तहज़ीब हाफ़ी)विरोधी की तुलना में जीत, अर्थात प्रतिद्वंद्विता में सफलता।मुक़ाबिल, तक़ाबुलमुक़ाबिल (अरबी, विरोधी या सामने वाला, [विरोधी], [opposite, rival]); तक़ाबुल (अरबी, तुलना या मुकाबला, [तुलना], [comparison, confrontation])
34तफ़सीली तज़किरा है इतिहास (शायर: शकील आज़मी)विस्तृत उल्लेख है इतिहास, अर्थात इतिहास का वर्णन।तफ़सीलीतफ़सीली (अरबी, विस्तृत या detailed, [विस्तृत], [detailed])
35ज़िंदगी की तज़मीनी हकीकत (शायर: बशीर बद्र)जीवन की ठोस सच्चाई, अर्थात जीवन का आधार।तज़मीनीतज़मीनी (फ़ारसी, ठोस या आधारित, [ठोस], [concrete, incorporated])
36मुज़ाहमत की तक़दीर बदलो (शायर: जावेद अख्तर)विरोध की किस्मत बदलो, अर्थात बाधाओं को पार करो।मुज़ाहमतमुज़ाहमत (अरबी, विरोध या बाधा, [विरोध], [resistance, opposition])
37तक़दीस-ए-ज़मीन है वतन (शायर: महशर आफरीदी)भूमि की पवित्रता है वतन, अर्थात मातृभूमि का सम्मान।तक़दीसतक़दीस (अरबी, पवित्रता या संतोष, [पवित्रता], [sanctity])
38शफ़ाक़त की तफ़रीक न करो (शायर: अल्लामा इकबाल)दया की विभेद न करो, अर्थात करुणा में भेदभाव न हो।शफ़ाक़त, तफ़रीकशफ़ाक़त (अरबी, दया या करुणा, [दया], [kindness, compassion]); तफ़रीक (अरबी, विभेद या अलगाव, [विभेद], [discrimination])
39तज़किया-ए-नफ़्स है रूहानी सफर (शायर: शकील आज़मी)आत्मशुद्धि है आध्यात्मिक यात्रा, अर्थात आत्मा का शुद्धिकरण।तज़किया, नफ़्सतज़किया (अरबी, शुद्धि या purification, [शुद्धि], [purification]); नफ़्स (अरबी, आत्मा या ego, [आत्मा], [soul, self])
40मुक़द्दमा की तफ़तीश जारी है (शायर: बशीर बद्र)मुकदमे की जांच जारी है, अर्थात न्याय की प्रक्रिया।मुक़द्दमामुक़द्दमा (अरबी, मुकदमा या केस, [मुकदमा], [case, lawsuit])
41तफ़क्कुर-ए-फ़लसफ़ा है किताबों में (शायर: जावेद अख्तर)दर्शन का चिंतन है किताबों में, अर्थात फिलॉसफी का विचार।तफ़क्कुर, फ़लसफ़ातफ़क्कुर (अरबी, चिंतन या meditation, [चिंतन], [reflection]); फ़लसफ़ा (अरबी, दर्शन या philosophy, [दर्शन], [philosophy])
42तक़दीर-ए-मिल्लत है एकता में (शायर: महशर आफरीदी)राष्ट्र की किस्मत है एकता में, अर्थात राष्ट्र की भाग्य एकजुटता।मिल्लतमिल्लत (अरबी, राष्ट्र या समुदाय, [राष्ट्र], [nation, community])
43मुज़ाहिरा-ए-ज़िंदगी है मंच पर (शायर: तहज़ीब हाफ़ी)जीवन का प्रदर्शन है मंच पर, अर्थात जीवन का नाटक।मुज़ाहिरामुज़ाहिरा (अरबी, प्रदर्शन या demonstration, [प्रदर्शन], [manifestation])
44तफ़हीम-ए-क़ुरान है मार्गदर्शन (शायर: शकील आज़मी)कुरान की समझ है मार्गदर्शन, अर्थात धार्मिक ज्ञान।तफ़हीम, क़ुरानतफ़हीम (अरबी, समझ या comprehension, [समझ], [understanding]); क़ुरान (अरबी, कुरान या holy book, [कुरान], [Quran])
45तक़लीद की तफ़रीक से बचो (शायर: बशीर बद्र)अनुकरण की विभेद से बचो, अर्थात अंधानुकरण न करो।तक़लीदतक़लीद (अरबी, अनुकरण या imitation, [अनुकरण], [imitation, following])
46मुक़ाम-ए-ज़िंदगी है सफर में (शायर: जावेद अख्तर)जीवन का मुकाम है सफर में, अर्थात यात्रा में मंजिल।मुक़ाममुक़ाम (फ़ारसी, मुकाम या स्थान, [मुकाम], [position, station])
47तक़दीस-ए-इंसानियत है सेवा (शायर: महशर आफरीदी)मानवता की पवित्रता है सेवा, अर्थात सेवा का महत्व।इंसानियतइंसानियत (अरबी, मानवता या humanity, [मानवता], [humanity])
48शफ़क़-ए-सुबह है उम्मीद की (शायर: अल्लामा इकबाल)सुबह की लाली है उम्मीद की, अर्थात नई शुरुआत।शफ़क़शफ़क़ (अरबी, लाली या glow, [लाली], [twilight])
49तज़वीज की तफ़सील है योजना (शायर: मिर्ज़ा ग़ालिब)योजना की विस्तार है योजना, अर्थात योजना का विवरण।तज़वीजतज़वीज (अरबी, योजना या proposal, [योजना], [plan, arrangement])
50मुज़ाहिदा-ए-हक़ीक़त है सत्य (शायर: मिर्ज़ा ग़ालिब)

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