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जीएसटी: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में प्रावधान, टैक्स व्यवस्था यूं कर पाएंगे दुरुस्त

 


गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) टैक्स इवेजन या कर अपवंचना रोकने और कर व्यवस्था दुरुस्त करने की एक व्यवस्था है।

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) टैक्स इवेजन या कर अपवंचना रोकने और कर व्यवस्था दुरुस्त करने की एक व्यवस्था है। जिसके तहत असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले छोटे व्यवहारियों या अपंजीकृत व्यवहारियों को रिवर्स चार्ज भुगतान करने से राहत दी गई है। जीएसटी लागू होने के सप्ताह भर बाद भी व्यवहारियों में रिवर्स चार्ज के रूप में कर भुगतान को लेकर असमंजस की स्थितियां रही। इस संबंध में व्यवहारियों ने वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से नियुक्त अधिकारियों से संपर्क कर शंकाओं का समाधान किया।


पंजीकृत को करना होगा भुगतान
वाणिज्यिक कर अधिकारी आनंदकुमार गंधारिया ने जीएसटी एक्स 9 (4) में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, अगर कोई पंजीकृत व्यवहारी अपंजीकृत व्यवहारी से वस्तु या सेवा लेता है, तो पंजीकृत व्यवहारी को आरसीएम के रूप में कर का भुगतान करना होगा। पंजीकृत व्यवहारी को अपंजीकृत व्यवहारी से क्रय की वस्तु व सेवा का पूर्ण भुगतान करना होगा तथा संबंधित कर का भुगतान पंजीकृत व्यवहारी को ही करना होगा। अर्थात अपंजीकृत व्यवहारी से क्रय करने वाला पंजीकृत व्यवहारी ही कर चुकाने के लिए उत्तरदायी होगा।


इन उदाहरणों से समझे
उदाहरण 1
गली-मोहल्लों में फेरी करने वाले कबाड़ी लोहे, लकड़ी या अन्य धातु के स्क्रैप इकट्ठे कर पंजीकृत कबाड़ी या पंजीकृत व्यवहारी को अपना माल बेचते है, तो एेसी स्थिति में पंजीकृत कबाड़ी उस फेरी करने वाले अपंजीकृत कबाड़ी को वस्तु या सेवा क्रय करने के बदले में पूरा भुगतान करना होगा। साथ ही, क्रय की गई वस्तु पर बनने वाले रिवर्स चार्ज के रूप में कर का भुगतान पंजीकृत कबाड़ी को ही करना होगा। इसके अलावा, पंजीकृत कबाड़ी अपंजीकृत कबाड़ी को भुगतान की राशि में से रिवर्स चार्ज के रूप में अदा करने वाली कर राशि काट कर नहीं, बल्कि पूरा भुगतान करना होगा। जो बाद में उनके खाते में क्रेडिट हो जाएगा।

उदाहरण 2
यदि कोई किसान अपनी उपज कृषि उपज मंडी में लाकर किसी पंजीकृत व्यपारी को बेचता है, तो पंजीकृत व्यापारी किसान को उपज का पूर्ण भुगतान करेंगे। इसमें भी, पंजीकृत व्यापारी को उस अपंजीकृत किसान को भुगतान की राशि में से रिवर्स चार्ज के रूप में अदा करने वाली कर राशि काट कर नहीं, बल्कि पूरा भुगतान करना होगा। उस पर बनने वाले रिवर्स चार्ज के रूप में कर का भुगतान व्यापारी को करना होगा, जो बाद में व्यापारी के खाते में क्रेडिट हो जाएगा।

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