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मेहशार अफ़रीदी की लोकप्रिय शायरी – फेमस शेर जो हर दिल में बसते हैं

 

Mehshar Afridi



जगह की कैद नहीं थी कोई कहीं बैठे जहाँ मक़ाम हमारा था हम वहीं बैठे
अमीर शहर के आने पे उठना पड़ता है लिहाज़ा अगली सफ़ों में कभी नहीं बैठे

:--- मेहशार अफ़रीदी



तेरी ख़ता नहीं जो तू ग़ुस्से में आ गया
पैसे का ज़ो'म था तेरे लहजे में आ गया

सिक्का उछालकर के तेरे पास क्या बचा
तेरा ग़ुरूर तो मेरे काँसे में आ गया
:--- मेहशार अफ़रीदी


मेरा मयार जो भी है मेरे कद के बराबर है ना कोई उस्ताद था मेरा ना कोई गॉडफादर है :--- मेहशार अफ़रीदी

राह के पत्थर को चकनाचूर होना चाहिए वार चाहे एक हो भरपूर होना चाहिए सिर्फ इतना ही नहीं वो हार अपनी मान ले वो हमारे सामने मजबूर होना चाहिए :--- मेहशार अफ़रीदी

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