![]() |
Copyright Act |
भारत में साहित्यिक कार्यों का कॉपीराइट कैसे कराएं: एक पूर्ण मार्गदर्शिका
भारत में साहित्यिक कार्यों, जैसे लेखन, कविता, ग़ज़ल या कोई अन्य साहित्य को कॉपीराइट कराना एक महत्वपूर्ण कदम है जो रचनाकारों को उनकी मूल रचनाओं की सुरक्षा प्रदान करता है। कॉपीराइट पंजीकरण वैकल्पिक है, क्योंकि कॉपीराइट स्वतः ही रचना के निर्माण के साथ उत्पन्न हो जाता है, लेकिन पंजीकरण कानूनी सबूत के रूप में काम करता है और विवादों में उपयोगी सिद्ध होता है। यह लेख उन लोगों के लिए तैयार किया गया है जो पहली बार कॉपीराइट कराना चाहते हैं। हम चरणबद्ध तरीके से प्रक्रिया, शुल्क, अवधि और संबंधित तथ्यों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप आसानी से अपनी रचना को सुरक्षित कर सकें।
कॉपीराइट क्या है और क्यों जरूरी है?
कॉपीराइट एक कानूनी अधिकार है जो रचनाकार को अपनी मूल रचना के अनधिकृत उपयोग, कॉपी या वितरण से बचाता है। भारत में कॉपीराइट एक्ट, 1957 के तहत साहित्यिक कार्यों (जैसे किताबें, ग़ज़लें, लेख, कविताएं) को सुरक्षा मिलती है। पंजीकरण से लाभ यह है कि यह अदालत में प्राथमिक सबूत के रूप में काम करता है, और उल्लंघन के मामले में मुकदमा दायर करना आसान हो जाता है। यदि आपकी रचना चोरी हो जाती है, तो पंजीकृत कॉपीराइट से क्षतिपूर्ति मांगना सरल होता है।
योग्यता और क्या पंजीकृत किया जा सकता है?
- योग्य कार्य: मूल साहित्यिक रचनाएं, जैसे ग़ज़ल, कविता, उपन्यास, लेख, या कोई टेक्स्ट-आधारित सामग्री। विचारों को कॉपीराइट नहीं मिलता, केवल उनकी अभिव्यक्ति को।
- कौन आवेदन कर सकता है?: रचनाकार (लेखक), प्रकाशक, या कोई अधिकृत व्यक्ति। यदि रचना सामूहिक है, तो सभी लेखकों की सहमति जरूरी है।
- बहिष्कार: सामान्य जानकारी, एकल शब्द, या सरकारी दस्तावेज़ कॉपीराइट के योग्य नहीं होते।
कॉपीराइट पंजीकरण की प्रक्रिया: चरणबद्ध गाइड
भारत में कॉपीराइट पंजीकरण मुख्य रूप से ऑनलाइन होता है, जो सरकारी वेबसाइट copyright.gov.in के माध्यम से किया जाता है। ऑफलाइन भी आवेदन किया जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन तेज़ और सुविधाजनक है। पूरी प्रक्रिया 2-6 महीने लग सकती है।
चरण 1: आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें
- कार्य की दो प्रतियां (प्रकाशित के लिए 3 प्रतियां, अप्रकाशित के लिए 2)।
- फॉर्म XIV (आवेदन फॉर्म)।
- लेखक का नाम, पता, राष्ट्रीयता, और यदि मृतक हो तो मृत्यु प्रमाणपत्र।
- यदि आवेदक लेखक नहीं है, तो लेखक से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट)।
- शुल्क का भुगतान प्रमाण।
- पावर ऑफ अटॉर्नी, यदि वकील के माध्यम से आवेदन।
- कार्य का पीडीएफ फॉर्मेट (10 एमबी से कम)।
चरण 2: ऑनलाइन पंजीकरण
- वेबसाइट copyright.gov.in पर जाएं और "New User Registration" पर क्लिक कर यूजर आईडी और पासवर्ड बनाएं।
- लॉगिन करें और "Online Copyright Registration" चुनें।
- फॉर्म XIV भरें, जिसमें कार्य का विवरण, शीर्षक, भाषा, लेखक की जानकारी शामिल है।
- स्टेटमेंट ऑफ पार्टिकुलर्स (एसओपी) और स्टेटमेंट ऑफ फर्दर पार्टिकुलर्स (एसओएफपी) भरें।
- हस्ताक्षर अपलोड करें (512 केबी से कम)।
- शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें (इंटरनेट पेमेंट गेटवे से)।
- कार्य को पीडीएफ में अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करने पर डायरी नंबर मिलेगा, जिससे स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
चरण 3: हार्ड कॉपी भेजें
- आवेदन की हार्ड कॉपी, पावती स्लिप और कार्य की कॉपी को कॉपीराइट ऑफिस के पते पर पोस्ट करें: कॉपीराइट डिवीजन, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, बौद्धिक संपदा भवन, प्लॉट नं. 32, सेक्टर 14, द्वारका, नई दिल्ली-110078।
चरण 4: प्रतीक्षा और जांच
- आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों में आपत्तियां आ सकती हैं। यदि नहीं, तो जांच होती है।
- यदि सब ठीक, तो रजिस्ट्रार कॉपीराइट रजिस्टर में एंट्री करता है और प्रमाणपत्र जारी करता है।
- यदि आपत्ति, तो सुनवाई होती है।
ऑफलाइन के लिए: फॉर्म डाउनलोड कर भरें और पोस्ट से भेजें।
शुल्क कितना लगता है?
साहित्यिक कार्यों के लिए पंजीकरण शुल्क 500 रुपये प्रति कार्य है। यह शुल्क कॉपीराइट रूल्स, 2013 के सेकंड शेड्यूल के अनुसार है। यदि बदलाव या अन्य सेवाएं, तो अतिरिक्त शुल्क लग सकता है, जैसे परिवर्तन के लिए 200-400 रुपये। यदि वकील की मदद लें, तो उनके शुल्क अलग। भुगतान ऑनलाइन या डिमांड ड्राफ्ट से।
कॉपीराइट कितने समय तक रहता है?
साहित्यिक कार्यों के लिए कॉपीराइट लेखक की मृत्यु के बाद 60 वर्ष तक रहता है (लेखक की जीवनकाल + 60 वर्ष)। यह कॉपीराइट एक्ट, 1957 की धारा 22 के अनुसार है। यदि कार्य अज्ञात लेखक का है, तो प्रकाशन से 60 वर्ष।
संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- स्वचालित सुरक्षा: पंजीकरण के बिना भी कॉपीराइट मिलता है, लेकिन पंजीकरण से कानूनी मजबूती आती है।
- उल्लंघन: यदि कोई आपकी रचना चुराए, तो सिविल या क्रिमिनल मुकदमा दायर कर सकते हैं। दंड: जुर्माना या जेल।
- अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा: भारत बर्न कन्वेंशन का सदस्य है, इसलिए कई देशों में सुरक्षा मिलती है।
- ट्रांसफर: कॉपीराइट बेचा या ट्रांसफर किया जा सकता है।
- समय सीमा: आवेदन से पंजीकरण तक 2-18 महीने लग सकते हैं, लेकिन सुरक्षा निर्माण से शुरू होती है।
- नवीनीकरण: कॉपीराइट का नवीनीकरण नहीं होता, अवधि समाप्त होने पर पब्लिक डोमेन में चला जाता है।
शुरुआती लोगों के लिए टिप्स
- हमेशा मूल रचना का प्रमाण रखें, जैसे ड्राफ्ट या तारीख।
- यदि ग़ज़ल या कविता, तो प्रकाशन से पहले पंजीकरण कराएं।
- वेबसाइट पर स्टेटस चेक करें डायरी नंबर से।
- यदि असमंजस, तो कॉपीराइट ऑफिस से संपर्क करें (ईमेल: copyright@nic.in)।
- कानूनी सलाह लें यदि जटिल मामला हो।
- ऑनलाइन टूल्स या ऐप्स का उपयोग न करें, सरकारी साइट ही विश्वसनीय है।
इस प्रक्रिया से आप अपनी साहित्यिक रचनाओं को सुरक्षित कर सकते हैं। याद रखें, रचनात्मकता की सुरक्षा से आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाती। यदि कोई प्रश्न, तो आधिकारिक साइट देखें।
0 Comments