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MS Excel के 25 महत्वपूर्ण फंक्शन: अकाउंटिंग और कॉर्पोरेट जॉब्स के लिए उपयोगी गाइड


 नमस्ते दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (MS Excel) के उन महत्वपूर्ण फंक्शनों की जो अकाउंटिंग, फाइनेंस और प्रोफेशनल कॉर्पोरेट लेवल की जॉब्स में बेहद काम आते हैं। एक्सेल एक पावरफुल टूल है जो डेटा एनालिसिस, रिपोर्टिंग और कैलकुलेशन को आसान बनाता है। अगर आप अकाउंटेंट हैं, फाइनेंशियल एनालिस्ट हैं या किसी कॉर्पोरेट जॉब में काम करते हैं, तो इन फंक्शनों को जानना आपके लिए जरूरी है।

इस आर्टिकल में मैंने 25 प्रमुख एक्सेल फॉर्मूले की एक सूची तैयार की है। प्रत्येक फंक्शन को हिंदी में विस्तार से समझाया गया है, जिसमें फंक्शन क्या करता है, यह अकाउंटिंग या कॉर्पोरेट कामों में कैसे उपयोगी है, और एक विस्तृत उदाहरण दिया गया है ताकि आप इसे आसानी से समझ सकें और अप्लाई कर सकें। ये फंक्शन डेटा मैनिपुलेशन, फाइनेंशियल कैलकुलेशन और लॉजिकल ऑपरेशंस के लिए उपयोगी हैं। चलिए शुरू करते हैं!

1. SUM फंक्शन

यह फंक्शन एक या अधिक सेल्स या रेंज में मौजूद संख्याओं को जोड़कर कुल योग (सम) निकालता है। यह बहुत बेसिक लेकिन पावरफुल फंक्शन है, जो अकाउंटिंग में टोटल सेल्स, एक्सपेंस, बैलेंस शीट के योग आदि कैलकुलेट करने के लिए इस्तेमाल होता है। कॉर्पोरेट जॉब्स में, जैसे फाइनेंशियल रिपोर्ट्स तैयार करते समय, यह समय बचाता है क्योंकि मैनुअल जोड़ की जरूरत नहीं पड़ती। आप इसमें कई रेंज को भी जोड़ सकते हैं, जैसे =SUM(A1:A5, B1:B5)। उदाहरण: मान लीजिए आपके पास एक स्प्रेडशीट है जिसमें कॉलम A में मासिक बिक्री के आंकड़े हैं: A1=1000, A2=1500, A3=2000, A4=2500, A5=3000। अब अगर आप =SUM(A1:A5) फॉर्मूला लगाते हैं, तो रिजल्ट 10000 आएगा, जो कुल तिमाही बिक्री को दर्शाता है। यह उदाहरण दर्शाता है कि कैसे बड़े डेटा सेट में तुरंत योग निकाला जा सकता है।

2. AVERAGE फंक्शन

यह फंक्शन दिए गए संख्याओं के सेट का औसत (एवरेज) निकालता है, यानी सभी वैल्यूज को जोड़कर उनकी संख्या से भाग देता है। कॉर्पोरेट में यह एवरेज सैलरी, परफॉर्मेंस स्कोर, या मासिक सेल्स के औसत की गणना के लिए उपयोगी है, जो ट्रेंड एनालिसिस में मदद करता है। अगर कोई सेल खाली है, तो यह उसे इग्नोर करता है। उदाहरण: कल्पना कीजिए एक टीम के सदस्यों के स्कोर हैं: B1=80, B2=90, B3=70, B4=85। =AVERAGE(B1:B4) लगाने पर रिजल्ट 81.25 आएगा, जो टीम का औसत परफॉर्मेंस स्कोर है। यह फाइनेंशियल रिपोर्ट में उपयोगी है, जैसे औसत खर्च जानने के लिए।

3. COUNT फंक्शन

यह फंक्शन एक रेंज में मौजूद संख्याओं की गिनती करता है, टेक्स्ट या खाली सेल्स को इग्नोर करता है। इन्वेंटरी मैनेजमेंट या अकाउंटिंग में, जैसे कितने इनवॉइस पेंडिंग हैं या कितने आइटम्स स्टॉक में हैं, इसकी गिनती के लिए यह काम आता है। उदाहरण: मान लीजिए C1 से C10 तक के सेल्स में कुछ संख्याएं हैं: C1=10, C2=टेक्स्ट, C3=20, C4=खाली, C5=30, आदि, और कुल 5 संख्याएं हैं। =COUNT(C1:C10) लगाने पर रिजल्ट 5 आएगा, जो दर्शाता है कि कितने वैध न्यूमेरिकल एंट्रीज हैं। कॉर्पोरेट में यह डेटा क्लीनिंग के लिए उपयोगी है।

4. IF फंक्शन

यह फंक्शन एक लॉजिकल टेस्ट करता है और अगर कंडीशन ट्रू है तो एक वैल्यू रिटर्न करता है, अन्यथा दूसरी वैल्यू। यह अकाउंटिंग में बोनस, डिस्काउंट या पास/फेल जैसे डिसीजन मेकिंग के लिए उपयोगी है, और नेस्टेड IF के साथ कॉम्प्लेक्स लॉजिक बनाया जा सकता है। उदाहरण: suppose D1 में एक कर्मचारी की सेल्स 120 है। =IF(D1>100, "बोनस मिलेगा", "कोई बोनस नहीं") लगाने पर रिजल्ट "बोनस मिलेगा" आएगा। अगर D1=90 हो, तो "कोई बोनस नहीं"। यह कॉर्पोरेट HR रिपोर्ट्स में उपयोगी है, जैसे सैलरी इंक्रीमेंट डिसाइड करने के लिए।

5. VLOOKUP फंक्शन

यह फंक्शन एक टेबल या रेंज में वैल्यू को सर्च करता है और मैचिंग रो से स्पेसिफिक कॉलम की वैल्यू रिटर्न करता है। अकाउंटिंग में एम्प्लॉयी आईडी से सैलरी या प्रोडक्ट कोड से प्राइस ढूंढने के लिए आदर्श है, जो डेटा लुकअप को तेज बनाता है। उदाहरण: मान लीजिए A1:B10 में टेबल है: A1="ID123", B1=50000; A2="ID124", B2=60000। अब E1 में "ID123" है। =VLOOKUP(E1, A1:B10, 2, FALSE) लगाने पर रिजल्ट 50000 आएगा। FALSE का मतलब एग्जैक्ट मैच। यह फाइनेंशियल डेटाबेस में उपयोगी है।

6. HLOOKUP फंक्शन

यह फंक्शन हॉरिजॉंटल टेबल में वैल्यू सर्च करता है और मैचिंग कॉलम से वैल्यू रिटर्न करता है। रिपोर्टिंग में, जैसे हेडर्स वाली रो से डेटा पिक करने के लिए उपयोगी, जहां डेटा कॉलम वाइज है। उदाहरण: A1:J2 में टेबल: पहली रो में महीने (Jan, Feb), दूसरी में सेल्स (1000, 2000)। F1 में "Feb" है। =HLOOKUP(F1, A1:J2, 2, FALSE) लगाने पर रिजल्ट 2000 आएगा। कॉर्पोरेट डैशबोर्ड में मंथली रिपोर्ट्स के लिए काम आता है।

7. INDEX फंक्शन

यह फंक्शन एक एर्रे या रेंज से स्पेसिफिक पोजीशन की वैल्यू रिटर्न करता है। एडवांस डेटा रिट्रीवल के लिए उपयोगी, MATCH के साथ कॉम्बो में डायनामिक लुकअप बनाता है। उदाहरण: G1:G5 में 10,20,30,40,50 हैं। =INDEX(G1:G5, 3) लगाने पर रिजल्ट 30 आएगा (तीसरी पोजीशन)। अकाउंटिंग में, जैसे लिस्ट से स्पेसिफिक आइटम चुनने के लिए।

8. MATCH फंक्शन

यह फंक्शन एक रेंज में वैल्यू की पोजीशन (इंडेक्स) बताता है। VLOOKUP या INDEX के साथ उपयोगी, जो डायनामिक सर्चिंग को संभव बनाता है। उदाहरण: A1:A10 में 10,20,30,...,100। H1 में 50 है। =MATCH(H1, A1:A10, 0) लगाने पर रिजल्ट 5 आएगा (एग्जैक्ट मैच)। कॉर्पोरेट में डेटा वैलिडेशन के लिए।

9. SUMIF फंक्शन

यह फंक्शन एक कंडीशन के आधार पर रेंज से वैल्यूज को जोड़ता है। सेल्स रिपोर्ट में स्पेसिफिक प्रोडक्ट या रीजन का टोटल निकालने के लिए उपयोगी। उदाहरण: I1:I10 में प्रोडक्ट नेम्स ("Apple", "Banana", etc.), J1:J10 में अमाउंट्स। =SUMIF(I1:I10, "Apple", J1:J10) लगाने पर सभी "Apple" के अमाउंट्स का योग, जैसे 100+200=300 आएगा। अकाउंटिंग में कैटेगरी वाइज एक्सपेंस के लिए।

10. COUNTIF फंक्शन

यह फंक्शन एक कंडीशन के आधार पर रेंज में आइटम्स की गिनती करता है। अटेंडेंस ट्रैकिंग या डुप्लीकेट चेकिंग के लिए उपयोगी। उदाहरण: K1:K10 में स्कोर। =COUNTIF(K1:K10, ">50") लगाने पर 50 से ज्यादा स्कोर वाली एंट्रीज की संख्या, जैसे 6 आएगा। HR में absenteeism ट्रैक करने के लिए।

11. TEXTJOIN फंक्शन

यह फंक्शन कई टेक्स्ट स्ट्रिंग्स को एक डेलीमीटर (जैसे comma) के साथ जोड़ता है, और खाली सेल्स को इग्नोर कर सकता है। रिपोर्ट में नेम्स या एड्रेस मर्ज करने के लिए उपयोगी। उदाहरण: L1:L3 में "Ram", "Shyam", "Hari"। =TEXTJOIN(", ", TRUE, L1:L3) लगाने पर "Ram, Shyam, Hari" आएगा। कॉर्पोरेट मेल लिस्ट बनाने के लिए।

12. LEFT फंक्शन

यह फंक्शन टेक्स्ट स्ट्रिंग के लेफ्ट (बाएं) से स्पेसिफिक संख्या के कैरेक्टर्स निकालता है। आईडी या कोड से प्रिफिक्स एक्सट्रैक्ट करने के लिए उपयोगी। उदाहरण: M1 में "EMP12345"। =LEFT(M1, 3) लगाने पर "EMP" आएगा। अकाउंटिंग में इनवॉइस नंबर्स से डिपार्टमेंट कोड निकालने के लिए।

13. RIGHT फंक्शन

यह फंक्शन राइट (दाएं) से कैरेक्टर्स निकालता है। लास्ट डिजिट्स या ईयर एक्सट्रैक्ट करने के लिए। उदाहरण: N1 में "Invoice2023"। =RIGHT(N1, 4) लगाने पर "2023" आएगा। फाइनेंशियल ईयर ट्रैकिंग में उपयोगी।

14. MID फंक्शन

यह फंक्शन टेक्स्ट के मिडिल से स्पेसिफिक कैरेक्टर्स निकालता है। कोड्स से सबस्ट्रिंग एक्सट्रैक्ट करने के लिए। उदाहरण: O1 में "ProductAB12CD"। =MID(O1, 8, 2) लगाने पर "12" आएगा (8वीं पोजीशन से 2 कैरेक्टर्स)। प्रोडक्ट कोड एनालिसिस में।

15. LEN फंक्शन

यह फंक्शन टेक्स्ट स्ट्रिंग की लेंथ (कैरेक्टर्स की संख्या) बताता है। डेटा वैलिडेशन, जैसे पासवर्ड लेंथ चेक करने के लिए उपयोगी। उदाहरण: P1 में "HelloWorld"। =LEN(P1) लगाने पर 10 आएगा। कॉर्पोरेट में फॉर्म फिलिंग वैलिडेशन के लिए।

16. TODAY फंक्शन

यह फंक्शन करंट डेट (आज की तारीख) रिटर्न करता है, जो डायनामिक है। रिपोर्ट डेट ट्रैकिंग या एज कैलकुलेशन में उपयोगी। उदाहरण: =TODAY() लगाने पर, अगर आज 15 अगस्त 2025 है, तो रिजल्ट 15/08/2025 आएगा। अकाउंटिंग में ड्यू डेट कैलकुलेशन के लिए।

17. DATE फंक्शन

यह फंक्शन साल, महीना, दिन से स्पेसिफिक डेट क्रिएट करता है। फाइनेंशियल ईयर या प्रोजेक्ट टाइमलाइन कैलकुलेशन में उपयोगी। उदाहरण: =DATE(2025, 8, 15) लगाने पर 15/08/2025 आएगा। रिपोर्ट्स में कस्टम डेट्स बनाने के लिए।

18. PMT फंक्शन

यह फंक्शन लोन या इन्वेस्टमेंट की मंथली पेमेंट (EMI) कैलकुलेट करता है, रेट, पीरियड्स और प्रिंसिपल पर आधारित। फाइनेंस में लोन प्लानिंग के लिए उपयोगी। उदाहरण: =PMT(0.05/12, 60, 100000) – 5% वार्षिक रेट, 5 साल (60 महीने), 1 लाख लोन के लिए मंथली EMI लगभग -1887 आएगा (नेगेटिव साइन पेमेंट दर्शाता है)। कॉर्पोरेट फाइनेंस में बजटिंग के लिए।

19. FV फंक्शन

यह फंक्शन फ्यूचर वैल्यू कैलकुलेट करता है, जैसे सेविंग्स का भविष्य मूल्य। इन्वेस्टमेंट प्लानिंग में उपयोगी। उदाहरण: =FV(0.06/12, 120, -1000) – 6% रेट, 10 साल (120 महीने), मंथली 1000 सेविंग्स का FV लगभग 164,701 आएगा। रिटायरमेंट प्लानिंग में।

20. PV फंक्शन

यह फंक्शन प्रेजेंट वैल्यू कैलकुलेट करता है, जैसे फ्यूचर पेमेंट्स का आज का मूल्य। डिस्काउंटेड कैश फ्लो एनालिसिस में उपयोगी। उदाहरण: =PV(0.08, 5, 10000) – 8% रेट, 5 साल, सालाना 10000 पेमेंट का PV लगभग -39,927 आएगा। प्रोजेक्ट वैल्यूएशन में।

21. NPV फंक्शन

यह फंक्शन नेट प्रेजेंट वैल्यू कैलकुलेट करता है, कैश फ्लोज को डिस्काउंट रेट से। प्रोजेक्ट वैल्यूएशन में उपयोगी। उदाहरण: =NPV(0.1, -10000, 3000, 4000, 5000) – 10% रेट पर इनिशियल इन्वेस्टमेंट -10000 और अगले कैश फ्लोज का NPV लगभग 1735 आएगा। इन्वेस्टमेंट डिसीजन के लिए।

22. IRR फंक्शन

यह फंक्शन इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न कैलकुलेट करता है, जहां NPV जीरो होता है। इन्वेस्टमेंट एनालिसिस में उपयोगी। उदाहरण: Q1:Q5 में -10000, 3000, 4000, 5000, 6000। =IRR(Q1:Q5) लगाने पर IRR लगभग 18% आएगा। प्रोजेक्ट रिटर्न मापने के लिए।

23. SUBTOTAL फंक्शन

यह फंक्शन फिल्टर्ड डेटा का सबटोटल निकालता है, जैसे SUM, AVERAGE आदि। रिपोर्टिंग में, फिल्टर्स अप्लाई करने पर भी सही टोटल देता है। उदाहरण: =SUBTOTAL(9, R1:R10) – 9 का मतलब SUM, फिल्टर्ड रेंज का टोटल। डायनामिक रिपोर्ट्स में उपयोगी।

24. ROUND फंक्शन

यह फंक्शन नंबर को स्पेसिफिक डेसिमल प्लेस तक राउंड ऑफ करता है। अकाउंटिंग में डेसिमल कंट्रोल, जैसे टैक्स कैलकुलेशन के लिए उपयोगी। उदाहरण: S1 में 123.4567। =ROUND(S1, 2) लगाने पर 123.46 आएगा। फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में एक्यूरेसी के लिए।

25. MIN और MAX फंक्शन

MIN फंक्शन रेंज से न्यूनतम वैल्यू निकालता है, MAX अधिकतम। परफॉर्मेंस एनालिसिस या प्राइस कंपेरिजन में उपयोगी। उदाहरण: T1:T5 में 10,20,5,30,15। =MIN(T1:T5) लगाने पर 5, =MAX(T1:T5) पर 30 आएगा। स्टॉक प्राइस ट्रैकिंग में काम आता है।

ये फंक्शन एक्सेल की पावर को बढ़ाते हैं और आपके काम को तेज बनाते हैं। अगर आप इन्हें प्रैक्टिस करेंगे, तो कॉर्पोरेट वर्ल्ड में आगे बढ़ना आसान हो जाएगा। अगर कोई सवाल हो या अगले आर्टिकल में क्या चाहिए, कमेंट में बताएं। धन्यवाद! 😊

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