वो अशआर जिनका हर लफ़्ज़ ज़ुबान पर आते ही इंसान को तहज़ीब और विरासत का आइना बना देता है
प्यास के ज़िक्र को रखता हूँ जुदा पानी से देखते रहते हैं दरिया मुझे हैरानी से
और उनकी ख़ातिर मैं परेशान रहता हूँ
जिनको मतलब ही नहीं मेरी परेशानी से
:--- अकील नोमानी
उन्हें कामयाबी में सुकून नज़र आया तो वो दौड़ते गए
हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठहर गए
ख्वाहिशों के बोझ में बशर तू क्या क्या कर रहा है इतना तो जीना भी नहीं जितना तू मर रहा है :--- बशर नवाज़ हमारे क़द से तुम धोखा न खाना ज़मीं के हम मियाँ अंदर बहुत हैं :--- आदिल राशिद
"नहीं है चीज़ निकम्मी कोई ज़माने में, कोई बुरा नहीं क़ुदरत के कार-ख़ाने में" :--- अल्लामा इक़बाल
परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता
:--- बशीर बद्र
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