आरिफ सैफी साहब के मशहूर शेर और शायरी
मुझको किस्मत जमीन पे ले आयी, रहने वाला तो आसमान का हूँ।
आज जुगनू सा बन गया आरिफ, पर मैं सूरज के खानदान का हूँ। :--- आरिफ सैफी
मिन्नत हुए शिकवा हुए फरियाद हुए हम
पर ग़म के शिकंजे से ना आज़ाद हुए हम
पर ग़म के शिकंजे से ना आज़ाद हुए हम
आबाद हुए हमको सताते हुए रिश्ते
रिश्तों को निभाते हुए बर्बाद हुए हम
रिश्तों को निभाते हुए बर्बाद हुए हम
:--- आरिफ सैफी
गर जमीं देखो तो उसकी फसल भी देखा करो,
नकल ही काफी नहीं है असल भी देखा करो।
नकल ही काफी नहीं है असल भी देखा करो।
जाति ही देखोगे तो खा जाओगे फिर से फरेब,
दोस्ती करने से पहले नसल भी देखा करो।
दोस्ती करने से पहले नसल भी देखा करो।
:--- आरिफ सैफी
0 Comments